
१. बाजार का निरिक्षण।
२. Balance sheet का निरिक्षण।
३. Profit and Loss Account का निरिक्षण।
४. Quarterly, Half Yearly, Nine Monthly Results का निरिक्षण।
५. शेयर दलाल (Share Broker), निवेश सलाहकार (Investment Consultant) आदि के बातों सुनना (जरुरी नहीं की उन बिचारों व सलाहों पर अमल करें)।
६. अख़बार (News Paper) पड़ना।
७. TV पर बज़ार समाचार (Market News) सुनना। उपरोक्त के बाद यदि आपका आत्मबिश्वाश इस बात की गवाही दे कि निवेश करना चाहिए तो आप अवश्य निवेश के बारे में सोचो। )
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