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Mutual Fund and its inception म्युचुअल फण्ड और इसकी उत्पत्ति -
शेयर बाजार एक पुराना व बहुचर्चित शब्द है परन्तु शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कई प्रकार के जानकारी व अच्छी खासी पूंजी की भी आवश्यक होती है। ये जानकारियां न सिर्फ स्वदेशी बाजार की बल्कि बिदेशी बाजार, मुद्रा बाजार व कंपनियों की एवं राजनितक परिवर्तन से सम्बंधिन जानकारी की भी आवश्यकता होती है। बड़े निवेशक तो शेयर बाजार में होनेवाली गतिबिधियों पर अपनी नजर जमाये रखते है लेकिन खुदरा निवेशकों के पास इतना समय नहीं होता कि वे अपने छोटे से निवेश के लिए अपना पूरा ध्यान व समय दे सकें। अतः छोटे निवेशक न तो पूरी जानकारी जुटा पाते हैं और न ही शेयर बाजार से लाभ उठा पाते। ऐसे ही कारणों से म्युचुअल फण्ड का प्रादुर्भाव हुवा जहाँ कई छोटे निवेशक एक साथ मिलके इस काम को अंजाम देते है। इस कार्य के लिए किसी एक व्यक्ति (अर्थात कंपनी जिसे एसेट्स मैनेजमेंट कंपनी Assets Management Company कहते है) को निवेश की पूरी उत्तरदाईत्व सौप के सभी छोटे निवेशक अपने-अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं। क्योंकि अब यह जिम्मेवारी Assets Management Company की होजाती है कि वह कैसे, कब, कितना और कहाँ निवेश करेगी।
इस प्रकार Assets Management Company द्वारा इकट्ठा की गई कुल धनराशि को फण्ड कहते है और इस फण्ड को बराबर के हिस्से में बाँट दिया जाता है। इस एक छोटे से हिस्से या इकाई (जो की साधारणतः १० रुपये की होती है) को यूनिट (Unit) कहते है। उक्त यूनिट के धारक को Unit Holder कहते हैं। Assets Management Company दक्ष व कुशल बाजार बिशेषज्ञों (Market Experts) की नियुक्ति करती है जो कंपनी के फण्डो (Funds) को बिभिन्न जगहों (जैसे इक्विटी, संपत्ति, दाइत्वा Assets, Debts etc) में निवेश करते है और उस निवेश से होनेवाली आय व मूल रकम (Principal & Return) को यूनिट होल्डर्स को वापस करते हैं।
दूसरे सब्दों में म्युचुअल फण्ड को हम सामूहिक कोष की संज्ञा दे सकते हैं। जहां अनेकानेक (अनगिनत) निवेशक सामूहिक (एकजुट हो कर ) रूप से अपना-अपना अंशदान यूनिट खरीद के करते है। यहाँ यूनिट के माध्यम से इकठ्ठा हुई कुल धन राशि को फण्ड कहते हैं और यूनिट खरीदने वाले को यूनिट होल्डर कहते हैं।
चलिए अब हम इसे एक उदहारण से समझते है - हजार लोग मिल के 10 लाख रूपये इकट्ठा करते है जो कि रूपये 10 प्रति यूनिट के हिसाब से एक लाख यूनिट होती है तो निवेशक अपनी - अपनी पूंजी अनुसार जितना यूनिट चाहें खारित सकते हैं। अब Assets Management Company के एक्सपर्ट इस 10 लाख रूपये को बिभिन्न प्रकार के इक्विटी एवं डेब्ट्स फण्ड में निवेश करते है और एक साल के बार उक्त निवेश का बाजार मूल्य 14 लाख रूपये है तो इसका तात्पर्य यह हुवा की प्रति यूनिट मूल्य 14 रूपये हो गए हैं। इस प्रकार यदि किसी ब्यक्ति के पस मात्रा 500 रूपये हैं तो वैसे ब्यक्ति भी 50 यूनिट खरीद सकता है और उसके फण्ड को इन्वेस्ट करने का काम Assets Management Company के एक्सपर्ट करते है और मुनाफा सभी ब्यक्तियों यानि यूनिट्स होल्डर्स के बिच बराबर मात्रा में बाँट दिया जाता है।
एस. आई. पी. (SIP) क्या है ?
SIP (Systematic Investment Plan) ब्यबस्थित निवेश योजना। यह कुछ और नहीं बल्कि म्यूच्यूअल फण्ड निवेश का एक सुरक्षित पद्धति है। इसके तहत हम निवेश तो म्यूच्यूअल फंड्स में ही करेंगे लेकिन पहले निवेश के लिए एक राशि निर्धारित करते है और फिर प्रत्येक महीने उतनी राशि का नोवेश करते है। इस ब्यबस्था से लाभ ये होता है कि यदि बाजार ऊपर की ओर बढ़ रहे है तो हमें यूनिट्स तो कम मिलेंगे लेकिन मुनाफा बढ़ेगा। दूसरी ओर यदि बाजार गिर रहा है अर्थात यदि शेयर मार्किट में शेयर्स के दाम कम हो रहे हैं तो हमें यूनिट्स अधिक संख्या में मिलेगी जो की हमारे पहले से क्रय किए गए यूनिट्स के मूल्य को बैलेंस्ड करेगी। इस प्रकार से SIP एक सुरक्षित निवेश पद्धति है।
आइए हम एक उदहारण के माध्यम से इसे भलीभांति समझते हैं। आपने SIP किया 500 रूपये प्रति माह। जनवरी में उक्त म्यूच्यूअल फण्ड 10 रुपये प्रति यूनिट फ़रवरी में 11रुपये प्रति यूनिट मार्च में 12 रुपये प्रति यूनिट तो आपने तीन महीने में 1500 रुपये निवेश किये और आप के पास है 50.0000+45.4545+41.6667=137.1212 यूनिट्स और बाजार मूल्य 12 रुपये तो आपके निवेश का मूल्य हुवा 137.1212 X 12 = 1645.455 रुपये।
दूसरी ओर यदि जनवरी में उक्त म्यूच्यूअल फण्ड 12 रुपये प्रति यूनिट फ़रवरी में 11रुपये प्रति यूनिट और मार्च में 10 रुपये प्रति यूनिट हो तो आपने तीन महीने में 1500 रुपये निवेश किये और आप के पास है 41.6667+45.4545+50.0000 =137.1212 अर्थात जैसे जैसे बाजार मूल्य काम होगा वैसे वैसे आपको मिलने वाली यूनिट्स की संख्या में बृद्धि होगी और जब बाजार मूल्य बढ़ जाये तो आप अपना निवेश बेच के लाभ कमाओ।
हमें आपके कमेंट्स और जज्ञासाओं का इंतजार है
चलिए अब हम इसे एक उदहारण से समझते है - हजार लोग मिल के 10 लाख रूपये इकट्ठा करते है जो कि रूपये 10 प्रति यूनिट के हिसाब से एक लाख यूनिट होती है तो निवेशक अपनी - अपनी पूंजी अनुसार जितना यूनिट चाहें खारित सकते हैं। अब Assets Management Company के एक्सपर्ट इस 10 लाख रूपये को बिभिन्न प्रकार के इक्विटी एवं डेब्ट्स फण्ड में निवेश करते है और एक साल के बार उक्त निवेश का बाजार मूल्य 14 लाख रूपये है तो इसका तात्पर्य यह हुवा की प्रति यूनिट मूल्य 14 रूपये हो गए हैं। इस प्रकार यदि किसी ब्यक्ति के पस मात्रा 500 रूपये हैं तो वैसे ब्यक्ति भी 50 यूनिट खरीद सकता है और उसके फण्ड को इन्वेस्ट करने का काम Assets Management Company के एक्सपर्ट करते है और मुनाफा सभी ब्यक्तियों यानि यूनिट्स होल्डर्स के बिच बराबर मात्रा में बाँट दिया जाता है।
एस. आई. पी. (SIP) क्या है ?
SIP (Systematic Investment Plan) ब्यबस्थित निवेश योजना। यह कुछ और नहीं बल्कि म्यूच्यूअल फण्ड निवेश का एक सुरक्षित पद्धति है। इसके तहत हम निवेश तो म्यूच्यूअल फंड्स में ही करेंगे लेकिन पहले निवेश के लिए एक राशि निर्धारित करते है और फिर प्रत्येक महीने उतनी राशि का नोवेश करते है। इस ब्यबस्था से लाभ ये होता है कि यदि बाजार ऊपर की ओर बढ़ रहे है तो हमें यूनिट्स तो कम मिलेंगे लेकिन मुनाफा बढ़ेगा। दूसरी ओर यदि बाजार गिर रहा है अर्थात यदि शेयर मार्किट में शेयर्स के दाम कम हो रहे हैं तो हमें यूनिट्स अधिक संख्या में मिलेगी जो की हमारे पहले से क्रय किए गए यूनिट्स के मूल्य को बैलेंस्ड करेगी। इस प्रकार से SIP एक सुरक्षित निवेश पद्धति है।
आइए हम एक उदहारण के माध्यम से इसे भलीभांति समझते हैं। आपने SIP किया 500 रूपये प्रति माह। जनवरी में उक्त म्यूच्यूअल फण्ड 10 रुपये प्रति यूनिट फ़रवरी में 11रुपये प्रति यूनिट मार्च में 12 रुपये प्रति यूनिट तो आपने तीन महीने में 1500 रुपये निवेश किये और आप के पास है 50.0000+45.4545+41.6667=137.1212 यूनिट्स और बाजार मूल्य 12 रुपये तो आपके निवेश का मूल्य हुवा 137.1212 X 12 = 1645.455 रुपये।
दूसरी ओर यदि जनवरी में उक्त म्यूच्यूअल फण्ड 12 रुपये प्रति यूनिट फ़रवरी में 11रुपये प्रति यूनिट और मार्च में 10 रुपये प्रति यूनिट हो तो आपने तीन महीने में 1500 रुपये निवेश किये और आप के पास है 41.6667+45.4545+50.0000 =137.1212 अर्थात जैसे जैसे बाजार मूल्य काम होगा वैसे वैसे आपको मिलने वाली यूनिट्स की संख्या में बृद्धि होगी और जब बाजार मूल्य बढ़ जाये तो आप अपना निवेश बेच के लाभ कमाओ।
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